इंडिया गेट-दिल्ली- India Gate-Delhi

इंडिया गेट-दिल्ली- India Gate -

Delhi 

हमारा देश आज भी पूरी दुनिया में संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है|जों भारत की राजधानी दिल्ली बाहर से लोग यहां घूमने आते है|और शायद इंडिया गेट को बिना देखे लौटते हैं ऐसा कभी नहीं होता|


India Gate
India Gate 

दोस्तों आप भी इंडिया गेट में बहुत बार गए होंगे|क्या आप इंडिया गेट के इतिहास के बारे में जानते हो?कब और क्यों बनाया गया था इंडिया गेट को दुनिया की सबसे बड़े वैश्विक युद्ध स्मारक के नाम से भी जाना जाता है|'इंडिया गेट-दिल्ली- India Gate-Delhi'


इंडिया गेट इतिहास-

आज हम बात करने वाले इंडिया गेट के बारे में|पहले उसको मैं तो और तीसरे एंगलो अफगान वॉर ( Anglo Afghan War ) के दौरान 90 हजार सैनीकों ने ब्रिटिश साम्राज्य को बचाने के लिए अपनी जान गवा दी|और तभी ब्रिटिश सरकारों के दिमाग में यह ख्याल आया उनके वीर जवानों की याद में एक इमारत का निर्माण करवाना चाहिए|और इसी तरह से शुरू होगी इंडिया गेट की कहानी|जैकेट की स्थापना 12 जनवरी 1931 में हुई|

इंडिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसके सामने जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी हुई थी|इसके बाद ब्रिटिश राज्य समय अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया|इंडिया गेट दिल्ली को दुनिया की सबसे बड़े वैश्विक युद्ध स्मारक के नाम से जाना जाता है|इंडिया गेट दिल्ली के डिजाइन लैंडसियर डीटेल्स द्वारा की गई | 10 साल काम चलने के बाद इसका निर्माण 1931 में पूरा हो गया|

इंडिया गेट जयपुर 1931 में बनकर तैयार हो गया था, उसका नाम इंडिया वॉर मेमोरियल रखा था|क्योंकि इससे वीर जवानों के याद में बनाया गया था|लेकिन आगे चलकर इसका नाम इंडिया गेट कर दिया|इंडिया गेट के स्मारक पर आज भी यूनाइटेड किंगडम के सैनिकों और अधिकारों की सहित 13 हजार से भी ज्यादा वीर जवानों के नाम देखने को मिल जाते हैं|

उसके 42 मीटर इमारत में लाल और पीले पत्थर और ग्रेनाइट का उपयोग किया गया|पूरे भारत का इंडिया गेट दिल्ली आज भी दुनिया की सबसे स्मारक में एक है|

 ब्रिटिश सरकार ने इंडिया गेट आजादी से पहले ही बनवाया गया था|इसलिए इंडिया गेट के पास ही किंग जॉर्ज के प्रतिमा स्थापित की गई है|जब भारत आजाद हो गया तो इंडिया गेट में कहीं बदलाव किए गए|यहां पर अमर जवान ज्योति चारों कोने पर हमेशा चलती रहती है|


India Gate
India Gate 
 

इंडिया गेट अमर जवान ज्योति-

26 जनवरी 1972 को अमर जवान ज्योति का अनावरण इंदिरा गांधी ने किया था|इसके मेहराब के नीचे अमर जवान ज्योति स्थापित कर दी गई है|अनाम सैनिकों के स्मृति में यहां एक रराइफल के ऊपर सैनिक की टोपी सजा दी गई है|इंडिया गेट-दिल्ली- India Gate-Delhi 

इस अमर जवान ज्योति पर प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री व तीनों सेनाअध्यक्ष पुष्प चक्र चढाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं|1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने वाले जवान सैनिकों की याद में स्थापित किया गया|ज्योति के पास एक चमकते हुए राइफल की घड़ी है,इसके ऊपर सैनिक का एक हेलमेट लगाया गया है|वह अपने जवानों की याद दिलाता है|

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इंडिया गेट में तीनों सशस्त्र बलों के झंडे फहलाये जाते हैं|इंडिया गेट वालों के लिए एक पिकनिक की जगह बन गई है|जहां पर लोग छुट्टी के दिन में आकर समय बिताना पसंद करते हैं|

साथी इंडिया गेट के पास गार्डन राष्ट्रपति भवन के दृश्य इसे और खास बनाया जाता है|इंडिया गेट दिल्ली हरे भरे और अच्छी तरह से सुसज्जित बगीचे से घिरा इंडिया गेट दिल्ली वासियों के बीच एक प्रसिद्ध स्थान है|"इंडिया गेट-दिल्ली- India Gate-Delhi"

 इस युद्ध स्मारक पर शहिद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है|इंडिया गेट पर हर साल गणतंत्र दिवस पर परेड निकाली जाती है|उसके साथ ही सभा भारतीय राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विभिन्न प्रक्रिया प्रस्तुत की जाती है 

गणतंत्र दिवस पर हर साल भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय ध्वज फहराया जाता है|

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